मुंबई। (एस.ए.भाटी) Joints Pain – Pain Niwaran Churna : – एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में अनेक तरह की समस्याएं होती रहती है, जिसमें दर्द एक अहम बिमारी हैं, उसमें ही एक जोड़ो का दर्द है। जोड़ शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगो में से एक है। जो हमारे दैनिक जीवन की गतिविधियां जैसे कि उठना, बैठना, सोना, चलना आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहते हैं। लेकिन कई बार कुछ स्थितियों के कारण जब शरीर के जोड़ जैसे कि कोहनी, घुटना, टखना, कंधा, कूल्हा आदि में दर्द होता है, तो हमें अपने दैनिक जीवन के कामों को पूरा करने में काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है।
जोड़ों के दर्द (Joint Pain) को अब तक बुढ़ापे की समस्या माना जाता रहा है. लेकिन पिछले करीब 10 साल में यह समस्या युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है। 30 से 35 साल के लोग तो बड़ी संख्या में इस बीमारी की चपेट में आते जा रहे हैं. हालांकि यह समस्या बच्चों और युवक व युवतियों में भी देखने को मिल रही है. इसकी बड़ी वजह खराब लाइफस्टाइल का होना है। वहीं ऑफिस में काम करने वाले लोग जहां दिनभर बैठकर लैपटॉप और कंप्यूटर पर काम करते रहते हैं, वहीं बच्चे इंडोर गेम्स खेलकर और फास्ट फूड खाकर बड़े हो रहे हैं। इससे इनकी मसल्स बचपन में ही कमजोर होती नजर आ रही हैं। इस कारण ये जल्द ही अर्थराइटिस की चपेट में आ जाते हैं. बच्चों में होने वाली अर्थराइटिस को जुवेनाइल अर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है।
मध्य प्रदेश छिन्दवाड़ा के सिवनी में पिछले 10 वर्षो से प्रैक्टिस कर रही बीएएमएस डॉ. श्रद्धा सिंह के मुताबिक अधिकतर बुजुर्ग, युवाओं या बच्चों सभी में आर्थराइटिस या न्यूरो मस्क्युलर पेन के लिए आमतौर पर ये कारण जिम्मेदार होते हैं। जिसमें मांसपेशियों का कमजोर होना, शरीर में कैल्शियम की कमी होना, चोट लगने के कारण दर्द का होना, बहुत अधिक मोटापा का होना, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर अनुवांशिक कारण मुख्य होते है। अगर देखा जाएं तो भारत में जोड़ो के दर्द की समस्या काफी आम हो गई हैं, एक सर्वे के मुताबिक भारत के हर दूसरे या तीसरे घर में जोड़ो के दर्द से ग्रस्त मरीज है।
Joints Pain : बॉडी में कैसे होता हैं, दर्द
Joints Pain – Pain Niwaran Churna – डॉ. श्रद्धा कहती हैं, कि मसल्स के कमजोर होने या शरीर में कैल्शियम की कमी होने और हड्डियों के जोड़ों में यूरिक ऑसिड जमा होने पर सूजन हो जाती है, इससे जोड़ों के टिश्यू नष्ट होने लगते हैं, जिससे जोड़ों में अकड़न और दर्द होता है, इस दर्द को अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है।
ज्यादातर जोड़ो का दर्द आम आदमी की धारणा के अनुसार सर्दी के मौसम में अधिक बढ़ जाता हैं, हालांकि ऐसा नहीं हैं, जोड़ो का दर्द बुजुर्ग पुरूष-महिलाओं में ये दर्द अर्थराइटिस होने के कारण ज्यादा दिखाई देता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की मदद से जोड़ो के दर्द और अर्थराइटिस को आसानी से दूर किया जा सकता है।
अश्वगंधा की मदद से जोड़ो के दर्द को करें दूर
(Withania somnifera) – अश्वगंधा एक जड़ी-बूटी है, जिसका प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा में सदियों से उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इस जड़ी-बूटी को अहम माना जाता है। जिसका उपयोग दर्द की रोकथाम करने में मदद करता है। आश्वगंधा में एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं, जिसमें विथानोलाइड्स और सितोइंडोसाइड्स के साथ कुछ यौगिक होते है, जो कि सूजन को कम करने से जुड़े आलस्य जैसी बीमारियों के साथ जुड़े असहमति को दूर करने में मदद करता है। यह शरीर के तनाव, चिंता को कम करने में भी प्रभावी है।
Joints Pain : Pain Niwaran Churna
जोड़ो के दर्द में कुटज Wrightia antidysenterica के लाभ
कुटज एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करने और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह जॉइंट्स की टूट-फूट को भी कम करता है, जिससे जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
हरिद्रा के जॉइंट्स पैन में फायदे
हल्दी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाये जाते है। जो की जोड़ों के दर्द को कम करने और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। दर्द और सूजन को कम करता है, हल्दी में करक्यूमिन नामक एक यौगिक होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जिम्मेदार होता है। करक्यूमिन जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हल्दी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
मेथी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करने और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही मेथी में सैपोनिन और फ्लेवोनोइड्स नामक यौगिक होते हैं जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये यौगिक जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
हरितकी पाउडर के दर्द में फायदे
हरितकी पाउडर एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करने और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों की ऐंठन और जकड़न को भी कम करता है, जिससे गतिशीलता में सुधार होता है। जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। हरितकी पाउडर में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो जोड़ों को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। यह जोड़ों में उपास्थि के टूट-फूट को भी कम करता है, जिससे जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
जोड़ो के दर्द में बिभीतकी के फायदे
बिभितकी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करने और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। आयुर्वेदा एक्सपर्ट कहते हैं, कि बिभितकी भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में पाई जाती है। यह एक औषधीय पौधा है। जिसका उपयोग कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
इसके साथ ही ये कफ और खांसी को कम करने, पेट की समस्याओं को ठीक करने, दर्द को कम करने, दर्द को कम करने, सूजन को कम करने, इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में भी फायदेमंद है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिभितकी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लेंवे। कैसे पहचाने आर्थराइटिस को सर्दी के मौसम में यह दर्द बढ़ जाता है. कभी-कभी इतना दर्द होता है कि चलने में भी दिक्कत आती है, सीढि़यां-चढ़ने या उतरने में जोड़ो बढ़ जाता है, और दिक्कत होती है, सुबह – शाम अधिक समस्या होती है, थकान और शरीर में टूटन का अहसास बना रहता है।
ऐसे जोड़ो के दर्द से कैसे बचें
डॉ. श्रद्धा का मानना हैं, कि आयुर्वेद में कई ऐसी दवा हैं, जिसके उपयोग से जोड़ो के दर्द की समस्या को दूर किया जा सकता है। मार्केट में कई कंपनियों के प्रोडक्ट हैं, लेकिन जिस तरह से Rajasthan Aushdhalaya Pvt. Ltd. की Joints Pain में Pain Niwaran Churna काफी असरदार हैं, इसका रिजल्ट काफी जल्दी देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि इसमें आयुर्वेदिक औषधि सज्जिका (क्षार) , कुटज, हरिद्रा, अश्वगंधा, मैथी, आमलकी, शुंठी, हरितकी, बिभितकी, जैसी अहम आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का समावेश किया गया है। डॉ. श्रद्धा का कहना हैं, कि प्रेक्टिस के दौरान काफी मरीजो को Pain Niwaran Churna दी गई, जिसका रिजल्ट ये रहा कि पेशंट को इसका फायदा मिला है, और इससे आराम भी मिला है। पेन निवारण की सबसे बेहतर बात ये देखी गई हैं, कि ये तुरंत आराम देता है, जो कि मेरे अनुभव में आयुर्वेद में पहली ऐसी दवा हैं, जिसका परिणाम मरीज को तुरंत मिलता है। इसके साथ ही राजस्थान औषधालय की काफी दवा का लगातार ईस्तेमाल किया हैं, भारत की काफी प्रमुख कंपनिया मार्केट में काम कर रही है, जिसमें राजस्थान औषधालय प्रा. लि. देश की Best Ayurvedic product manufacturers in India में शामिल है।
फ्री मेडिकल कैंप से भी पहुंचा रहे फायदा
पिछले लगभग 2 सालों से Joints Pain : Pain Niwaran Churna दवा इस्तेमाल कर रही हूं, जिसका परिणाम ये रहा है, कि कई मरीज इस दवा से लाभान्वित हो रहे है। राजस्थान औषधालय का फ्री मेडिकल कैंप भी क्लीनिक पर लगातार लगता रहता हैं, जिसके चलते ऐसे मरीजों को फायदा पहुंचता हैं, जो कि पैसों के अभाव में दवा खरीद नहीं पाते है।
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