Transgender Equal Opportunity Employment : अब राजस्थान औषधालय फार्मा कंपनी में जॉब कर पाएंगे, ट्रांस जेंडर – (थर्ड जेंडर)

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मुंबई। (एस.ए.भाटी) : Transgender Equal Opportunity Employment – राजस्थान औषधालय फार्मा इंडस्ट्री में एक अनूठा और नया कदम उठा रहा हैं, इस निर्णय से समाज में ट्रांस जेंडर के प्रति रवईया बदलेगा और थर्ड जेंडर को समाज में समान अधिकार और समान व्यवहार मिलने में मदद मिलेगी।

Rajasthan Aushdhalaya प्रा. लि. (आरएपीएल ग्रुप) के मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम दिवान का कहना हैं, कि सामाजिक क्षेत्र के इस सूबे में जहाँ अलग-अलग समुदाय के लोग विभिन्न तरह के समाजों की श्रेणियों में बंटे पड़े हैं, उसी तरह से ही ट्रांसजेंडर / थर्ड जेंडर के रूप में एक समाज का गठन हो और इनको पहचान मिलनी चाहिए।

Transgender Equal Opportunity Employment : थर्ड जेंडर को लेकर समाज का नजरिया बदलना जरूरी – आरएपीएल ग्रुप Managing Director Salim Diwan

उसी दिशा में राजस्थान औषधालय फार्मा कंपनी ने इसकी पहल करते हुए निर्णय लिया हैं, कि इन ट्रांस जेंडर/थर्ड जेंडर को ऑफिसियल वर्किग के लिए सैल्स या फिल्ड़ में काम देने में प्राथमिकता देंगी, इस तरह का नवाचार करने का मुख्य उदे्श्य ये हैं, कि समाज में थर्ड जेंडर को लेकर धारणा बदले, क्योंकि सदियों से इस समाज के लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया है। जिस तरह से इनका पैशा नृत्य या भीक्शा मांगना हैं, इससे निकलकर ट्रांस जेंडर कॉर्पोरेट फिल्ड़ में आएंगे, तो इससे समाज में थर्ड जेंडर को लेकर लोगों की सोच में बड़े स्तर पर बदलाव होगा। प्रोफेशनल वर्किग में इनका योगदान होना चाहिए, तभी समाज में इनके प्रति लोगों का नजरियां बदलेगा कि ये भी बहुत कुछ कर सकती है।

Transgender Equal Opportunity Employment : सामान्य व्यक्ति की तरह थर्ड जेंडर को समान अधिकार देगी Rajasthan Aushdhalaya कंपनी

सलीम दिवान का कहना हैं, कि भारत में हर किसी को अपने अनुसार जिंदगी जीने का अधिकार दिया गया हैं, उसी के अनुरूप ट्रांस जेंडर को भी समाज में समान अधिकार मिले इसी को लेकर 2014 में भारत के सर्वाेच्च न्यायालय ने थर्ड जेंडर को संवैधानिक अधिकार देने का फैसला किया। वहीं कोर्ट ने सभी सरकारों को निर्देश दे रखें हैं, कि इन अधिकारों को लागू करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करे। उसके बाद 5 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद थर्ड जेंडर के अधिकारों को कानूनी मान्यता भी मिल गई। जब कोर्ट ने ही अपने फैसले में थर्ड जेंडर को समान अधिकार और समान व्यवहार की हिदायत और कानून की मान्यता दे दी हैं, तो हर कॉर्पोरेट इंडस्ट्री में इनको मौका देना चाहिए, ताकि ये भी अपने सपनों को पंख लगा सकें।

सामाजिक क्षेत्र में राजस्थान औषधालय की अग्रणी भूमिका

देशभर में अपने 1,50,000 आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के साथ जुड़कर ‘‘रोग मुक्त भारत‘‘ और ‘‘नशा मुक्ति भारत‘‘ पर बड़े स्तर पर आमजन को राहत पहुंचा रही फार्मा कंपनी राजस्थान औषधालय (आरएपीएल ग्रुप) निरतंर सामाजिक क्षेत्रों से जुड़ी रहती है। आरएपीएल ग्रुप ने भारत भर में ‘‘रोग मुक्त भारत‘‘ अभियान चला रखा हैं, जिसमें देशभर से जुड़े हुए डॉक्टर्स के साथ मिलकर मुफ्त मेडिकल कैंप आयोजित कर रही है।

मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम दिवान ने बताया कि राजस्थान औषधालय प्रतिदिन देशभर के करीब 150 स्थानों पर फ्री मेडिकल कैंप लगाती हैं, जिसमें नशा मुक्ति, अस्थमा, जॉइंट्स पैन, डायबिटिज, महिलाओं से संबंधित समस्याओं सहित अनेक बिमारियों की पांच दिन की मुफ्त दवां मरीजों को दी जाती है।

आरएपीएल ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम दिवान का मानना हैं, कि स्त्राी-पुरुष की तरह ट्रांसजेंडर समुदाय को अलग पहचान जिस तरह सरकार ने दी हैं, इस पर कानून भी पारित किया है। उसी को देखते हुए समाज को ट्रांसजेंडर के प्रति अपना नजरिया बदलना चाहिए। समाज से पहले ट्रांसजेंडर को उनके परिवार को स्वीकार करना चाहिए, परिवार के लोगों को उनके साथ व्यावहारिक तरीके से संपत्ति में भी साझेदारी देनी चाहिए। उनके साथ होने वाला भेद-भाव को खत्म करने की जरूरत हैं, साथ ही इस भेद-भाव को मिटाने और नजरिए में बदलाव के लिए भी भारत भर में कई स्तरों पर प्रयास भी किये जा रहे है।

ट्रांसजेंडर को मौका मिला इन्होंने कर दिखाया, इनकी समाज में भागीदारी जरूरी – सलीम दिवान

आरएपीएल ग्रुप के एमडी सलीम दिवान कहते हैं, कि ट्रांसजेंडर/थर्ड जेंडर हमारे बीच से ही पैदा होते है, लेकिन हमारा समाज उसे अभी तक उचित हक देने में काफी पीछे रहा है। अब वक्त आ गया है कि ट्रांसजेंडर को भी सही मौका मिले और उसे समाज में उचित सम्मान मिलना चाहिए। थर्ड जेंडर को अगर हर फिल्ड़ में मौका दिया जाएं, तो ये वो सब कुछ कर सकते हैं, जो सामान्य महिला या पुरूष कर सकता है। देश में जहां-जहां इनके प्रति लोगों का नजरियां बदला वहां ट्रांसजेंडर ने अपना लोहा मनवाया है।

इन कामयाब ट्रांसजेंडरों ने भारतीय समाज को आइना दिखाया

इसी वर्ष जुलाई में नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) ने सामाजिक नजरिए में बदलाव की दृष्टि से अहम कदम उठाते हुए एनएमआरसी ने एक्वा लाइन के सेक्टर-50 के मेट्रो स्टेशन को ट्रांसजेंडर समुदाय को समर्पित किया है। इससे समाज में थर्ड जेंडर को लेकर नजरिया बदलेगा।

भारत के बेहद ही कामयाब ट्रांसजेंडर

उल्लेखनीय हैं, कि इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एडम हैरी भारत के पहले मेल ट्रांसजेंडर पायलट हैं। वह 20 वर्ष के हैं और उन्हें केरला गवर्नमेंट ट्रेनिंग पूरा करने के लिए स्कॉलरशिप भी दे रही है।

भारत का पहला ट्रांसजेंडर जज जोइता मंडल – पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जि़ले से भारत का पहला ट्रांसजेंडर जज हैं, जिसका नाम जोइता मंडल हैं। इसने जज का पद हासिल किया है। थर्ड जेंडर समाज के लिए ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। ऐसी सफलताओं की कहानी बेहद ही रोमांचक है, इससे समाज को मजबूती मिलेंगी।

स्ंतोष लोंढे – संतोष लोंढे पहले फीमेल ट्रांसजेंडर है, जिन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से स्थानक में डिग्री हासिल की है।

ट्रांसजेंडर सूर्या अभिलाष कम्युनिस्ट पार्टी के नेता

सूर्या अभिलाष भारत की पहली ट्रांसजेंडर हैं, जिसे राजनीतिक पार्टी में बड़े पद पर शामिल किया गया है। तिरुवनंतपुरम में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के यूथ विंग में पहली बार ट्रांसजेंडर को शामिल किया जो कि आज बड़े स्तर पर राजनिती में सक्रिय है।

महाराष्ट्र में पहली ट्रांसजेंडर सरपंच – महाराष्ट्र राज्य के मालशिरस तालुका के तंरगफल गांव में ज्ञानदेव ऐसी पहली ट्रांसजेंडर हैं, जो सरपंच हैं। गांव के लोगों ने इस समाज के प्रति नजरिये को बदलते हुए ज्ञानदेव के समर्थन में ज्यादातर गांव के लोगों ने वोट किया। तभी जाकर एक ट्रांसजेंडर पहली बार महाराष्ट्र में सरपंच चुना गया।

एमपी में विधायक चुनी गई ट्रांसजेंडर – मध्य प्रदेश में सन् 1998 में मध्य प्रदेश की शबनम मौसी विधानसभा का चुनाव लड़कर विधायक चुनी गई थी, जिसने भारतीय समाज को आयना दिखाने का काम किया था l

आंध्र प्रदेश में ट्रांसजेंडर्स को पेंशन – आंध्र प्रदेश सरकार ट्रांसजेंडर्स को हर महीने 1500 रुपए पेंशन दे रही हैं, इससे इनको संभल मिलेगा, ऐसे 26,000 ट्रांसजेंडरों को पेंशन दी जा रही हैं, जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है।

उल्लेखनीय हैं, कि भारत सरकार ने 26 नवंबर, 2019 को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए ट्रांसजेंडर एक्ट भारतीय संसद में पारित किया गया, जिसका उद्देश्य भारत में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा करना है। उसके बाद 5 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद थर्ड जेंडर के अधिकारों को क़ानूनी मान्यता दी गई है।

Author

  • Sajid Bhati (P.R.O)

    Mr. Sajid Bhati currently works at Rajasthan Aushadhalaya Pvt. Ltd. as a Public Relations Officer and Health Journalist. During his ten-year career, he has contributed to the company's mission of Addiction Free India and Disease Free India through writing and promotion. Spreading the great work of Rajasthan Aushadhalaya throughout India through passionate media coverage of all free medical health check-up camps held in villages, districts, and cities. He has a postgraduate degree in arts and journalism, as well as extensive understanding of digital marketing. His areas of expertise in writing include Ayurveda, Health, and related subjects. He promotes awareness of ayurvedic treatments and medicines by sharing his deep understanding and knowledge of Ayurveda through seminars, workshops, and other activities.

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