मुम्बई। शराब फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए घातक साबित हो रही है, इसी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में शराब के नशे से प्रतिवर्ष 2 लाख 60 हजार लोग मौत को गले लगा रहे है, शराब से मृत्यु ही नहीं हो रही बल्कि इससे कई घर झगड़े और फसाद के कारण बर्बाद भी हो रहे है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसको इस बात की जानकारी ना हो कि शराब पीना स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो सकता है, लेकिन शराब के लिये ये भी बात मानी जाती हैं, कि एकबार जब शराब पीने की लत लग जाती है, तो उसे छोडना मुश्किल होता है, लेकिन इसका उपाय भी आयुर्वेद में बड़ी गहनता के साथ पाया जाता है।
एक्सपर्ट कहते हैं, कि शराब के सेवन से सेहत पर बड़ा ही बूरा प्रभाव पड़ रहा हैं, जब एक स्वस्थ व्यक्ति शराब पीना शुरू करता हैं, तो उसको कैंसर जैसी बड़ी बीमारी के साथ ही अनेको बिमारियों का सामना करना पड़ सकता है, इसके बारे जानते हुए भी लोग शराब का सेवन करने से नहीं रुक रहे है। शराब की लत से शारीरिक व मानसिक बीमारियां तो होती ही हैं, साथ ही ऐसे लोगों की अपराध से भी जुड़ने की संभावना बढ़ जाती है। यदि घर का एक भी सदस्य शराब की चपेट में हो तो पूरे परिवार पर इसका विपरीत असर पड़ता है और पारिवारिक समस्या बढ़ जाती है। शराब की लत से केवल शराबी को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस लत से छुटकारा पाना बेहद जरुरी हो जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें सामने आया हैं, कि हर 10 सेकेंड में शराब से एक व्यक्ति की मौत होती है, और साल में मरने वाले लोगों की संख्या में 6 प्रतिशत लोग शराब के सेवन से मरने वाले होते हैं। इसी के साथ ये भी ज्ञात हुआ हैं, कि भारतीय युवा सर्वाधिक नशे का सेवन कर रहे है, हालांकि बहुत से लोग इस लत से छुटकारा पाना चाहते हैं, लेकिन वो हर पैथी की दवाईयों का इस्तेमाल कर शराब को छोड़ना चाहते है। शराब से छुटकारा आयुर्वेदिक पद्धति के माध्यम से आसानी से मिल सकता है।
ऐसे में ही कुछ आयुर्वेदिक उपायों के जरिये शराब के सेवन से छुटकारा पाया जा सकता है, समाज में शराब के कारण बर्बाद होती हुई युवा पिड़ी से चिंतित होकर राजस्थान के झुंझुनूं जिले के डॉ. एस. डी. चोपदार ने नशा छुड़ाने के लिए आयुर्वेदिक औषधियों पर गहनता से रिसर्च कर नशा मुक्ति के लिए दवा का निर्माण किया, जो कि SURARI CHURNA के नाम से जानी जाती है।
भारत की प्रचलित आयुर्वेदिक कम्पनी में सुमार राजस्थान औषधालय (आरएपीएल ग्रूप) द्वारा निर्मित की गई सुरारी चूर्ण शराब, निकोटीन और अन्य प्रकार के नशीले पदार्थ से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित है। आरएपीएल ग्रूप द्वारा ‘‘नशा मुक्त भारत‘‘ अभियान‘ चलाया जा रहा हैं, जिसके तहत भारत के हर जिलों में नशा मुक्ति को लेकर फ्री आयुर्वेदिक मेडिकल कैंप का आयोजन निरंतर किया जा रहा हैं, जिसमें नशे की सुरारी चूर्ण, धुमारी चूर्ण DHUMARI CHURNA, सुरारी सिल्वर चूर्ण, SURARI SILVER CHURNA, सुरारी सिल्वर प्लस चूर्ण SURARI SILVER PLUS CHURNA दवा देने का कार्य गठित मुख्य टीम द्वारा करवाया जा रहा है। भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अनुभव, ज्ञान, क्षमता और विशेष डॉक्टर्स टीम के साथ राजस्थान औषधालय प्राईवेट लिमिटेड दुनिया में नशा मुक्ति केंद्रों की सबसे बड़ी श्रृंखला के रूप में दुनिया भर में लाखों नशे से पीडि़त मरीजों का ईलाज करने का कार्य कर रही है। वहीं राजस्थान औषधालय की सुरारी चूर्ण से देश में शराब की लत से छुटकारा पाने के लिये देशभर में हर सप्ताह 127 फ्री मेडिकल कैंप लगाएं जा रहे हैं, जिसमें मरीजों को मुफ्त में शराब छोड़ने की दवां बांटी जा रही है।
राजस्थान औषधालय की एक्सपर्ट डॉ. शितल गोसावी ने बताया कि आयुर्वेदिक में शराब की लत को छोड़ने के लिये सुरारी चूर्ण का इस्तेमाल करें, उन्होंने शराब से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए कहां कि इससे लीवर पर एल्कोहल का बुरा असर पड़ता है. धीरे-धीरे शराब पीने से शरीर के हर अंग पर असर पड़ना शुरू हो जाता है. इससे पूरा शरीर प्रभावित होता है. ज्यादा शराब पीने से शरीर में डिहाइड्रेट की समस्या होने लगती है, सूरारी चूर्ण के साथ-साथ शराबी को व्यापक शारिरिक व्यायाम करने की भी आवश्यकता है।
दवाईयों के साथ-साथ शराब की आदत को छोड़ने के लिये अपने आप को किसी दूसरे कामों में उलझा कर रखें, ताकि शराब की और ध्यान नही जाएं, इस तरह करना बेहद ही अच्छा साबित होता है। परिवार में लोगों से मिले, और उनके साथ वक्त बिताएं: शराब की लत को छोड़ने के लिए परिवार की मदद लेंवे, और जितना हो सकें, अपने परिवार में बच्चों और बुजुर्गो से मिले और उन्हें वक्त देंवे, ताकि आपको शराब पीने की लत महसूस ना हो सकें।
कई शराब का सेवन करने वालों की माने तो ये सामने आता हैं, कि ज्यादातर भूखा रहने के कारण शराब पीने का मन करता हैं और तलब रहती हैं, कि शराब पी जाएं, इससे बचने के लिए तय सीमा में कुछ ना कुछ खाते रहे, और खाना खाने की समय-सीमा तय हो।
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