255 जिलों के 13500 Ayurvedic Doctors Honored, देश का पहला फार्मा ग्रुप बना राजस्थान औषधालय

13500 ayurvedic doctors honored

मुंबई। (एस.ए.भाटी) 13500 ayurvedic doctors honored : देशभर में फिलहाल पिछले कई महिनों से आमजन को कोविड-19 को लेकर राहत मिल रही है। अगर भारत में बात की जाएं, कोरोना काल में मरीजों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनकी सेवा में जुटे डॉक्टर्स की तो ऐलोपैथिक डॉक्टर्स की हिस्सेदारी को हर जगह सराहा गया और उन्हें जिला स्तर से राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर काफी सम्मान से नवाजा गया वहीं RAJASTHAN AUSHDHALAYA देशभर में आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का सम्मान कर रही हैं, भारत में इस तरह का कार्यक्रम करने वाली ये पहला फार्मा ग्रुप बन चुका है।

भारत भर में कई आयुर्वेदिक ग्रुप और कम्पनियां अपने अनुसार काम कर रही हैं, लेकिन जिस तरह मुंबई की राजस्थान औषधालय प्रा. लि. इंडिया (आरएपीएल ग्रुप) ने आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को जोड़ने की मुहिम शुरू की। आरएपीएल ग्रुप ने आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का मान सम्मान जिला स्तर पर करने का निर्णय लिया, जो कि एक मील का पत्थर साबित हुआ। 2020 में कोविड-19 ने जिस तरह कहर बरपाया, जिससे लाखों लोगों ने अपनी जिंदगियां गवांई, उस दौरान कोविड के मरीजों पर ऐलोपैथिक दवाईयां एक स्तर तक ही काम कर रही थी, लेकिन उस समय भारत में आयुर्वेद के प्रति लोगों की धारणाएं बदली और हर कोई आयुर्वेदिक नुस्खे, काढ़ा और आयुर्वेद के प्रति अपना विश्वास जताने लगे। हालांकि आयुर्वेद भारत की सबसे प्राचीनतम पद्धति हैं, जिसका लोहा पूरा विश्व मानता हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर्स ने जिस तरह से कोराना काल में कोविड-19 के मरीजों को अपने-अपने क्षेत्रों में सेवाएं दी, उससे भी समझा जा सकता हैं, कि आयुर्वेद का कोविड-19 को नियंत्रण करने में बड़ा रोल रहा है।

छोटे गांव से लेकर बड़े शहर में प्रैक्टिस करने वाले 13500 Ayurvedic Doctors Honored

राजस्थान औषधालय आरएपीएल ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम दिवान (Salim Diwan) ने बताया कि कोराना जैसे भयभीत हालात बीते दिनों में खत्म हुये, जिसमें छोटे से छोटे गांवों में प्रैक्टिस करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर्स ने अपने क्षेत्रा के लोगों को सेवाएं दी, उसे कोई भुला नहीं सकता है। जब कोविड के हालात कम हुए तो भारत भर में ऐलोपैथिक डॉक्टर्स का सम्मान और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए सरकार से लेकर सामाजिक संस्थाएं सम्मानित करने का कार्य करने लगी, लेकिन उस समय राजस्थान औषधालय आरएपीएल ग्रुप ने एक सर्वे करवाया, जिसमें ग्रुप से जुड़े करीब 1 लाख से भी अधिक डॉक्टर्स का भारत भर से फीडबैक आया कि आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को कहीं ना कहीं मान सम्मान देने में कमी रही हैं, उसी समय आरएपीएल ग्रुप ने तय किया कि अंतिम छौर पर भी आयुर्वेद के लिये प्रैक्टिस करने वाले सरकारी हो या चाहे गैर सरकारी सभी डॉक्टर्स को सम्मानित करने का कार्य किया जाएगा। एम.डी. दिवान ने बताया कि दिसम्बर 2021 में सर्वप्रथम मुंबई के आरएपीएल हाऊस में डॉक्टर्स सम्मान समारोह की शुरूआत की गई, उसके बाद पूरे भारत भर में इस कार्यक्रम को लागु किया गया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद देश की प्राचीनतम पद्धति हैं, जो कि हमें पूरे विश्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा मुकाम दिलाती है।

आयुर्वेदिक डॉक्टर्स राजस्थान औषधालय का गौरव, इनका सम्मान करने पर गर्व

राजस्थान औषधालय (आरएपीएल ग्रुप) के मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम दिवान ने बताया कि 2020 के कोविड-19 को कोई नहीं भूलेगा, वो समय भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए बड़ा ही भयावाह साबित हुआ, कोविड-19 के बारे में हर कोई भलीभांति जानता हैं, मगर इस समय सबसे बड़ा योगदान भारत के हर छोटे-बड़े शहर, ताल्लुका, गांव में प्रैक्टिस करने वाले सभी डॉक्टर्स का रहा, जिन्होंने कोरोना काल में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। इस समय जब अपना भी अपने से दूर रहने की कोशिश कर रहा था, उस समय देश के डॉक्टर्स ने कोरोना से संक्रमित हुए मरीजों की देखभाल कर उन्हें स्वस्थ रखने का अनूठा अध्याय रच दिया।

एम. डी. सलीम दिवान ने बताया कि देश में ऐसा कोई डॉक्टर्स नहीं जिन्होंने अपनी परवाह किये बगैर मरीजों की सेवा ना कि हो, हालांकि देश में भारी संख्या में डॉक्टर्स ने लोगों की जान बचाते हुए स्वयं कोविड़ संक्रमित होते हुए अपने प्राण तक त्याग दिये। देश के कोरोना जैसे हालांत को काबू में लाने वाले सभी डॉक्टर्स का मनोबल और उत्साह बढ़ाने के लिए देशभर के सभी आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का सम्मान करने का निर्णय राजस्थान औषधालय आरएपीएल ग्रुप ने लिया।

255 जिलों के 13500 Ayurvedic Doctors Honored (डॉक्टर्स का सम्मान)

Salim Diwan ने बताया कि राजस्थान औषधालय (आरएपीएल ग्रुप) ने भारत के 28 राज्यों एवं 8 केन्द्र शासित प्रदेश को जोड़कर भारत भर के 255 जिलों में डॉक्टर्स सम्मान समारोह (डीएसएस) कर चुकी हैं, जिसमें करीब 13500 से भी अधिक आयुर्वेद में प्रैक्टिस करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को जिला स्तर पर सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले डॉक्टर्स सम्मान समारोह की शुरूआत बिहार के गया जिले से हुई थी, जिसमें करीब जिलेभर के 103 आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को सम्मान से नवाजा गया। वर्ष 2023 दिसम्बर तक बाकी बचे जिलों में भी डॉक्टर्स सम्मान समारोह पूर्ण किया जाएगा, हर एक डॉक्टर्स को एक मंच पर स्थान देना आरएपीएल ग्रुप के लिए गर्व की बात है।

14 राज्यों के 25 अनुभवी एवं प्रतिष्ठित राजकीय एवं गैर राजकीय आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का कहना डॉक्टर्स सम्मान समारोह से आयुर्वेद को मजबूती मिल रही

उतर प्रदेश के नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (निमा) के प्रेसिडेंट डॉ. अतुल प्रताप ने बताया कि आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति को दुनिया भर में सबसे पुरानी पारंपरिक प्रणालियों (टीएसएम) में से एक मानी जाती है, उसी प्राकृतिक मूल सिद्धांतों को भारत में राजस्थान औषधालय (आरएपीएल ग्रुप) ने हर घर से जोड़ने का नया अध्याय डॉक्टर्स सम्मान समारोह शुरू कर किया हैं, जिसमें केवल और केवल आयुर्वेद को मजबूती देने के साथ ही आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का मान सम्मान और उन्हें आगे की और दिशा दिखाने का मुख्य कार्य किया गया है।


नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन के उतर प्रदेश स्टेट सचिव डॉ. यू.पी. पांडे कहते हैं, कि जिस तरह से आयुर्वेदिक गुणों और उसके महत्व को समझाने के लिए राजस्थान औषधालय भारत भर में एक मुहिम के तौर पर काम कर रहा हैं, जो कि आयुर्वेद के प्रति लोगों का जुड़ाव करने में महत्ती भूमिका निभा रहा हैं, जिस तरह से कोई फार्मा का ग्रुप सिस्टम, सिद्धांतों और इतिहास के बारे में डॉक्टर्स को जोड़कर उन्हें आयुर्वेद के प्रति सजग करने का कार्य कर रहा है, जो कि आयुर्वेद के स्तम्भ को एक अलग पहचान दिखा रहा है।


पंजाब के अमृतसर लक्ष्मीनारायण आयुर्वेद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अशोक नंदवानी कहते हैं, कि आयुर्वेदिक के विभिन्न जातीय मूल से प्रणालियों का ज्ञान आदान-प्रदान की सूझ-बूझ को विभिन्न प्रकार की आयुर्वेद के प्रति समझ को बढ़ावा देने के लिए देश में अदभुत डॉक्टर्स सम्मान समारोह जैसे कार्य राजस्थान औषधालय कर रहा हैं, जिसका कोई साहनी नहीं है। फार्मा गु्रप की विचारधारा जिस प्रकार से आमजन को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मुहईया करवाने की देखी गई हैं, ये सार्थक रूप से आयुर्वेद की दिशा में बड़ा कदम है।


पंजाब के मानसा में राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. कमल अग्रवाल ने बताया कि हिन्दुस्तान में अनेकों आयुर्वेदिक फार्मा गु्रप वर्क कर रहे हैं, लेकिन जहां तक समझा गया हैं, कि राजस्थान औषधालय छोटे से छोटे आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का उत्साह और मनोबल बढ़ाने के साथ ही आयुर्वेद की गुणवत्तापूर्ण जानकारी देकर अनेकों डॉक्टर्स को जोड़ने का कार्य कर रहा हैं, जो कि विरलय ही देखे जाते है।


भारतीय सिद्ध मेडिकल गुेजुएट्स एसोशिएसन तमिलनाडु के कॉर्डिनेटर डॉ. विजय कुमार का कहना हैं, आयुर्वेद की उत्पत्ति हिंदू भगवान, ब्रह्मा से दिव्य मानी जाती है, जिन्हें ब्रह्मांड का निर्माता कहते हैं, लेकिन ब्रह्मांड के निर्माता ने मानव जाति के कल्याण के लिए ऋषियों को चिकित्सा का ये समग्र ज्ञान पारित हुआ। इसी पारंपरिक औषधियों का ज्ञान आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के माध्यम से आमजन तक पहुंचाने में राजस्थान औषधालय एक सेतु का काम कर रहा है।


बिहार के पटना आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. सी. बी. सिंह का कहना हैं, कि आयुर्वेद का इतिहास काफी समृद्ध एवं गौरवपूर्ण है,खासकर भारत में इसका उपयोग सदियों से होता आ रहा है, राज्य सरकार भी इस चिकित्सा पद्धति की मजबूती के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रहा हैं, जिस प्रकार से मुंबई की राजस्थान औषधालय आयुर्वेद की दिशा और दशा बदलने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मान सम्मान कर रही हैं, उसे कभी नहीं भुलाया जाएगा।


वहीं बिहार आरजेडी चिकित्सा प्रकोष्ठ के सचिव डॉ. मधुरेन्दु पांडे ने बताया कि दिल्ली से लेकर भारत के हर राज्य में जिस तरह आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को एक स्थान पर इक्कठा कर उन्हें सम्मान दिया जा रहा हैं, उससे एक नई ऊर्जा का संचार हो रहा हैं, इस तरह के ऐतिहासिक कार्यक्रम आयुर्वेद को एक नई राह पर लेकर जा रहे है।


मध्य प्रदेश ठिकमगढ़ के नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (निमा) के प्रेसिडेंट डॉ. महेश गुप्ता ने बताया डॉक्टर्स सम्मान समारोह एक नई ईबारत लिख रहा हैं, एमपी में अनेकों जिलों से आयुर्वेदिक डॉक्टर्स इस कार्यक्रम से बड़ी उत्सुकता से जुड़ रहे हैं, करियर में पहला ऐसा फार्मा ग्रुप देख रहा हूं, जो स्वयं जिलेभर में आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की सेवाभाव को परख रहे हैं, और उसे महसूस करते हुए पूरे एमपी में इस तरह के आयुर्वेद से जुड़े सेमिनार कर रहे हैं, इसमें कोई दो राय नहीं हैं, कि आने वाले समय में हर घर आयुर्वेद पहुंचेगा।


वहीं एमपी निमा के सचिव डॉ. महेश बुखारियां कहते हैं, कि आयुर्वेद एक प्रगति आधारित चिकित्सा के विशाल ज्ञान के साथ, मानव शरीर के संविधान और कार्य का प्रगति से संबंध और ब्रह्मांड के तत्व जो समन्वय में कार्य करते हैं, जो कि जीवित प्राणियों को प्रभावित करते हैं, यह आयुर्वेद प्रणाली आने वाले युगों में भी यूं ही फलती-फूलती रहेगी, इसी को मूल मंत्रा मानते हुए राजस्थान औषधालय समाज को भारतीय आयुर्वेद पद्धति से जोड़ने की अलख जगा रहा हैं, जिससे आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के साथ-साथ समाज को भी एक अलग राह स्वास्थ्य को लेकर मिल रही हैै।


राजस्थान जोधुपर के विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ. गोविन्द शुक्ला बताते हैं, कि दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से आयुर्वेद का पुराना इतिहास है, आयुर्वेद की नींव वैशेषिक नाम के हिंदू दार्शनिक शिक्षाओं के प्राचीन विद्यालयों और न्याय के नाम से तर्क के स्कूल द्वारा रखी गई थी, परंतु वास्तविक रूप में देखा जाएं तो आयुर्वेद पद्धति से लोगों का रिश्ता दूर होते हुए दिखाई दे रहा हैं, जो कि चिंता का विषय हैं, ऐसी कोई बिमारी नहीं देखी गई, जिसमें आयुर्वेद को मूल रूप से उसमें काम में नहीं लिया गया हो, हर तरह के ईलाज के लिए संभवतः आज भी आयुर्वेद के शास्त्रों अनुसार बिमारियों को दूर किया जा रहा है। इस आयुर्वेद को लेकर कई तरह के ग्रुप भारत भर में कार्य कर रहे हैं, लेकिन जैसा कि देखा गया हैं, मुंबई से संचालित हो रहा राजस्थान औषधालय देश की प्रमुख फार्मा ग्रुप में शुमार हैं, जो कि आयुर्वेद को लेकर भारत भर में डॉक्टर्स सम्मान समारोह और सेमिनार आयोजित करवा रहे है। वहीं राजस्थान औषधालय को देश की Ayurvedic and Herbal Pharmaceutical Indian company में सुमार है।


राजस्थान आयुर्वेद विभाग नागौर के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे.पी.शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा की सबसे प्रसिद्ध पारंपरिक प्रणालियों में से एक है, जो युगों से आज तक जीवित और विकसित हैं, उसी प्रणाली को हर भारतीय के घर में पहुंचाने का प्रण आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के माध्यम से आमजन तक पहुंचाने की परिपाठी को राजस्थान औषधालय पूरा कर रहा हैं, जिसमें मुख्यत: ग्रुप के द्वारा आमजन के हित में चलाये जा रहे डॉक्टर्स सम्मान समारोह, मुफ्त मेडिकल कैंप सहित अनेक तरह के कार्यक्रम शामिल है।


सेंट्रल दिल्ली के नारायणा में पिछले 25 साल से प्रेक्ट्सि कर रहे सिनियर डॉ. सुखबिर सिंह कहते हैं, कि भारत में चिकित्सा से संबंधित यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा हैं, जिसमें आयुर्वेद अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में सबसे प्रमुख प्रणाली मानी जाती है, और सदियों से विश्व स्तर पर इसका प्रचलन है, इसी प्रचलन को कहीं ना कहीं डिजिटल युग में समाप्ती की और जाता देखा जा रहा हैं, हालांकि कोरोना के बाद लोगों में आयुर्वेद के प्रति विश्वसनियता बड़ी है। वहीं आयुर्वेद को जड़ों तक पहुंचाने में राजस्थान औषधालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम और सम्मेलन कहीं ना कहीं आयुर्वेद को आम करने और उसके बारे में डॉक्टर्स के माध्यम से जमीनी स्तर पर पहुंचाने में मदद कर रहा है।


दिल्ली ही के वरिष्ठ चिकित्सक एवं भाजपा के भजनपुरा मंडल अध्यक्ष डॉ. रिशी कुमार ने बताया कि ऐलौपेथिक दवाईयों का प्रचार-प्रसार हर स्तर पर हो रहा हैं, जिसमें आयुर्वेद कहीं ना कहीं पीछे दिखाई दे रहा हैं, कई फार्मा गु्रप्स अपने-अपने स्तर पर आयुर्वेदा को प्रमोट कर रहा हैं, जिसमें राजस्थान औषधालय का नाम शामिल है। आयुर्वेदिक पद्धति की असल पहचान करते हुए हर डॉक्टर्स के माध्यम से आयुर्वेद को आमजन तक पहुंचाने में पहत्ती भूमिका निभा रहे है।


कर्नाटक बैंगलोर के निमा अध्यक्ष डॉ. राजशेखर बसनूरमत ने कहां कि हाल के दशकों में आयुर्वेद ने अपने प्रतिमान में काफी बदलाव का अनुभव किया है, और इसके अनुप्रयोगों के प्रति शोधकर्ताओं के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। सामान्य लोगों की धारणाओं में भी काफी बदलाव आयुर्वेद को लेकर देखा गया हैं, जिसमें आयुर्वेद को एक बड़ी पहचान मिली है। कोविड के बाद आयुर्वेद को लेकर अनेक ग्रुप ने गतिविधियां कि जिसमें सर्वश्रेष्ठ राजस्थान औषधालय ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों का सम्मान कर चिकित्सकों में नई ऊर्जा का संचार किया।


झारखंड के आयुर्वेदिक संस्था एनसीआईएसएम के सदस्य डॉ. गौरी शंकर मिश्रा ने बताया कि हर एक बिमारी को प्राकृतिक और आयुर्वेदिक ईलाज से ठीक किया जा सकता हैं, आयुर्वेद बताता है कि यदि त्रिदोष के बीच संतुलन बनाए नहीं रखा जाता है तो शरीर के अपशिष्ट उत्पादों को प्रभावी ढंग से समाप्त नहीं किया जा सकता है और इससे डायरिया, कब्ज, अस्थमा, गठिया और ऐसी अन्य जटिलताएं हो बन जाती हैं, इसके अलावा भी आयुर्वेद में कठोर से कठारे समस्या का समाधान संभव है। वर्तमान में हर्बल दवां को बड़ा सॉफ्ट चूर्ण फॉर्म से आगे बढ़कर बिलिस्टर पैकिंग में भी बनाया जा रहा हैं, जिसमें राजस्थान औषधालय की कारगर दवां भी शामिल है, हर चिकित्सक के कार्य को सामने रखकर आरएपीएल ग्रुप कायम कर रहा है।


हरियाणा के नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. रमांकात दिक्षित ने बताया कि राजस्थान औषधालय आयुर्वेदिक डॉक्टर्स सम्मान समारोह का आयोजन देशभर में कर रहा हैं, जिसमें आयुर्वेदिक डॉक्टर्स अपने अनुभव को महत्वपूर्ण बना रहे है, और उन्हें जिस तरह से सम्मानित किया जा रहा हैं, ये चिकित्सकों द्वारा आमजन के प्रति दी गई सेवाओं और उनके समाज के प्रति जो योगदान और मेहनत हैं, उसको एक तरह की मान्यता देने का अच्छा माध्यम है।


छतीसगढ़ के बिलासपुर राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. रकसपाल गुप्ता कहते हैं, कि राजस्थान औषधालय ने जिस तरह से आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का सम्मान करने के नाते एक बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाया हैं, जिसमें डॉक्टर्स अपने आयुर्वेदिक उपचार अनुभवों के बारे में, मरीजों को दी जा रही बेहतर सेवाओं के बारे में, ज्ञान को बढ़ाने अनुभव को एक दूसरे से साझा करने का सुव्यवस्थित साधन उपलब्ध करवाया है, देश के हजारों डॉक्टरों का सम्मान एक बड़ी चुनौती थी, पर इसे आरपीएल ग्रुप ने पूर्ण किया है। समारोह में डॉक्टर्स अपने शोध एवं अध्ययन विशेष चिकित्सा मामलों पर चर्चा कर सकते है।

तैलंगाना के वरंगल में प्रैक्टिस कर रहे एम. डी. आयुर्वेदा डॉ. जी. रामु ने बताया कि राजस्थान औषधालय जिस तरह से डॉक्टर्स सम्मान समारोह आयोजित कर रहा हैं, इससे आने वाले समय में आयुर्वेदिक क्षेत्रा में प्रगति, अद्यतन ज्ञान, उत्कृष्टता, और अनुसंधान को फायदा पहुंच रहा है, इसके अलावा यह कार्यक्रम विभिन्न आयुर्वेदिक पेशेवरों को एक साथ एक मंच पर आने का माध्यम प्रदान करता है, जहां वे अपने अनुभवों, अद्यतन गतिविधियों, नवीनतम अवधारणाओं और शोध परिणामों को साझा कर सकते हैं।


वहीं करीम नगर के अनुभवी चिकित्सक डॉ. अमरनाथ का कहना हैं, कि आयुर्वेदिक डॉक्टर्स सम्मान समारोह जिस क्षेत्रा में किये जा रहे हैं, वहां के आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को जोड़ते हुए उनको एक मंच पर लाने का कार्य बेहद ही प्रशंसनीय है।
महाराष्ट्र नांदेड़ के स्वामी विवेकान्नद ट्रस्ट के प्रेसिडेंट डॉ. संजय महाजन ने बताया कि आयुर्वेद को लेकर अनेक कम्पनियां मार्केट में काम कर रही हैं, लेकिन जिस तरह राजस्थान औषधालय आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के उत्थान और उनका सम्मान कर रही हैं, उससे आने वाले समय में श्रेष्ठ आयुर्वेदिक डॉक्टर आगे आकर आयुर्वेद के चिकित्सीय सिद्धांत पर आमजन का ध्यान केंद्रित करेंगे।


वहीं महाराष्ट्र के सिनियर डॉ. मनोज देशमुख ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति है, जो स्वास्थ्य और संतुलन को समर्पित है, जो कि आधारभूत सिद्धांत शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिए प्राकृतिक उपचारों और आहार-विहार के प्रयोग पर आधारित है। इसी आधारशिला को अपना प्रयाय मानते हुए राजस्थान औषधालय पिछले 70 सालों से आयुर्वेद के क्षेत्रा में सर्वोपरी कार्य कर रहा हैं, आरएपीएल ग्रुप के फाउंडर डॉ. एस. डी. चोपदार जिस तरह से समाजिक सेवाओं से अपने आप को जोड़ते हुए आमजन के हितों की रक्षा करते थे, उसी तरह कोविड के बाद डॉक्टर्स सम्मान समारोह देशभर में आरएपीएल ग्रुप आयोजित कर रहा हैं, इससे आयुर्वेद को बढ़ावा मिल रहा है।


तमिलनाडु नागापट्नम लांयस क्लब के डायरेक्टर डॉ. जी. पन्नीरसेल्वम ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की लगभग 70-80 प्रतिशत आबादी अपनी स्वास्थ्य देखभाल में मुख्य रूप से हर्बल स्रोतों की गैर-पारंपरिक दवाओं पर निर्भर हैं, हालांकि भारत में भी आयुर्वेदिक दवाओं की मदद से बड़ी तरह की बिमारी को भी दूर किया जा सकता है। आधुनिक समय में, जब वैध अनुसंधान और उन्नत तकनीकों के कारण पश्चिमी औषधीय प्रणाली लगभग शीर्ष पर पहुंच गई है, उसी कड़ी के अनुसार भारत भर में आयुर्वेद को शीर्ष पर पहुंचाने और जन-जन तक इसकी पहचान करवाने के लिए राजस्थान औषधालय धरातल पर कार्य कर रहा हैं, जिसमें मुख्यतः आरएपीएल गु्रप डॉक्टर्स सम्मान समारोह में हर जिलेवार डॉक्टर्स को सम्मान से नवाजने का कार्य कर रहा है। ऐसा कार्य पहले कभी होता हुआ नहीं देखा गया है। जिस तहर से राजस्थान औषधालय देशभर में आयुर्वेद को मजबूत करने के लिए कार्य कर रहा हैं, उसका मुख्य रूप से ये परिणाम निकलकर आ रहे हैं, top ayurvedic and herbal products manufacturers in India जिससे इस फार्मा ग्रुप को में गिना जाता है।


केरल के ऐरन्नाकुल्लम में पिछले 25 वर्षो से प्रैक्टिस कर रही नावा केयर आयुर्वेदा हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ. जसीला बुखारी कहती हैं, कि आयुर्वेद का समृद्ध इतिहास है, देश की प्राचीनतम पद्धति के आधार पर पूरा विश्व चिकित्सा की समस्याओं का हल निकाल रहा हैं, देशहित में आयुर्वेद के प्रति ग्रांउड़ पर मुंबई से संचालित हो रही आयुर्वेदिक फार्मा ग्रुप राजस्थान औषधालय इसी प्राचीनतम पद्धति को डिजिटल के युग में हर घर तक पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा हैं, जिस तरह केरल में आयुर्वेदिक सम्मेलन, सम्मान समारोह करवाये जा रह हैं, इससे चिकित्सों का मनोबल बढ़ रहा है।

‘‘रोग मुक्त भारत‘‘ अभियान से जरूरतमंद मरीज तक मदद

आरएपीएल ग्रुप के एम.डी. सलीम दीवान ने बताया कि देशभर में डॉक्टर्स सम्मान समारोह आयोजित हो रहे हैं, जिसमें आयुर्वेदिक चिकित्सकों को आमजन तक मुफ्त मेडिकल कैंप के माध्यम से फायदा पहुंचाने का कार्य निरंतर चल रहा है। आरपीएल ग्रुप का लक्ष्य देश में आयुर्वेदि डॉक्टर्स के साथ जुड़कर ‘‘रोग मुक्त भारत‘‘ अभियान की परिपाठी के तहत असहाय और जरूरतमंद परिवारों तक मुफ्त मेडिसिन पहुंचाई जा रही है, जिसमें शराब, गुटखा सहित अन्य नशीले पदार्थो एवं जोड़ो के दर्द, अस्थमा, डायबिटिज की निःशुल्क दे आमजन तक फ्री पहुंचाई जा रही है।

हर साल लग रहे 2100 फ्री मेडिकल कैंप

मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम दिवान ने बताया कि देश के कौने-कौने में अपने ग्रुप के स्थापित किये गये नशा मुक्ति केन्द्रों पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर पर जौर दिया जा रहा हैं, और देशभर में आयुर्वेदिक शिविर की संख्या को बढ़ाते हुए देश के अलग-अलग राज्यों के जिलों, कस्बा, गांव, ढ़ाणियों में प्रतिवर्ष 2100 से अधिक फ्री मेडिकल कैंप देशभर के प्राईवेट मेडिकल प्रैक्टिसनर के सहयोग से लगवाएं जा रहे है।

Author

  • Sajid Bhati (P.R.O)

    Mr. Sajid Bhati currently works at Rajasthan Aushadhalaya Pvt. Ltd. as a Public Relations Officer and Health Journalist. During his ten-year career, he has contributed to the company's mission of Addiction Free India and Disease Free India through writing and promotion. Spreading the great work of Rajasthan Aushadhalaya throughout India through passionate media coverage of all free medical health check-up camps held in villages, districts, and cities. He has a postgraduate degree in arts and journalism, as well as extensive understanding of digital marketing. His areas of expertise in writing include Ayurveda, Health, and related subjects. He promotes awareness of ayurvedic treatments and medicines by sharing his deep understanding and knowledge of Ayurveda through seminars, workshops, and other activities.

Breaking News: Rajasthan Aushdhalaya Launches Free Ayurveda Camp to Revolutionize Industry

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