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Monsoon and Joint Pain : मानसून शुरू – जोड़ों में दर्द की समस्याओं का लेवल बढ़ा

मुंबई। (एस.ए.भाटी) Monsoon & Joint Pain : मानसून हर जगह दस्तक दे चुका हैं, ऐसे में लोग गर्मी से राहत की उम्मीद करते हैं, जिससे कई लोगों को गर्मी से भी बड़ी राहत मिल रही है, वहीं जोड़ो के दर्द एवं पीडि़त लोगों को मानसून के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इससे सीधा असर जोड़ों के दर्द पर पड़ता है, चलने-फिरने में दर्द का एहसास होता है। हालांकि कुछ गठिया से पीडि़त लोग मानसून की दस्तक से सहम भी जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि साल के मानसून वाले दिनों में जोड़ों (joint pain) में दर्द की समस्या अत्यधिक बढ़ जाती है। मौसम के बदलने पर ये तकलीफ बहुत आम हो जाती है, और इसके पीछे बकायदा साइंस भी काम करता है।

असल में जोड़ों के इस दर्द के पीछे एक बड़ा कारण बायोमैट्रिक प्रेशर यानी सामान्य शब्दों में हवा का दबाव भी हो सकता है। बारिश के दिनों में चूंकि हवा का दबाव परिवर्तित होता है, जिससे हड्डियों के आस-पास स्थित मांसपेशियों, टेंडन्स और टिशूज फैलते और सिकुड़ते हैं। साथ ही कम तापमान के कारण जोड़ों के बीच में स्थित द्रव्य गाढ़ा हो जाता है। यह जोड़ों के दर्द की वजह से बनता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके अलावा बारिश के दिनों में नमी, उमस और ठंडक भी जोड़ों के दर्द या जकड़न को उभार सकती है। खासकर आर्थराइटिस के रोगियों में।

क्यों बढ़ता हैं🤔🤔 मानसून में जोड़ों का दर्द : – मानसून के मौसम में गठिया की समस्या से बचने लिए बहुत से पिडि़त मरीज अनेकों उपाय करते है। एक्सपर्ट के अनुसार गठिया एवं जोड़ो के दर्द की एक ऐसी बीमारी है, जो कि जोड़ो के दर्द, जकड़न, सूजन की समस्या है। जैसा कि देखा जाता हैं, कि मानसून में एडि़मा दर्द और अकड़न बढ़ जाता है, जिसका मुख्य कारण ये हैं, कि मानसून में ज्वाइंट्स के आसपास द्रव कम होता है, जिससे दर्द (joint pain) बढ़ जाता है। बरसात के दिनों में ज्वॉइंट्स पेन को कम करने के लिए अनेकों तरह के उपाय किये जा सकते है।

Monsoon & Joint Pain : मानसून में ज्वॉइंट्स की समस्या प्रभावित

मानसून में ज्वाइंट्स को प्रभावित करने हाई ह्रयूमिडिटी सबसे बड़ा कारण है। नम वाले मौसम में पानी की मात्रा कम होने से जोड़ों के आसपास कम द्रव होने से ज्वॉइंट पेन बढ़ना शुरू हो जाता है। यह (joint pain) की समस्या 60 साल से अधिक लोगों में अधिक देखने को मिलती है, इस कारण अधिक मॉइश्चर लेवल होने से ब्लड वेसल में अधिक दबाव पड़ता है, जिससे खून गाढ़ा होने लगता है। अर्थराइटिस से जूझ रहे लोग इस समस्या का जल्दी शिकार हो जाते हैं।

एक्सपर्ट क्या कहते हैं 🗣🗣

मानसून के दौरान तापमान में गिरावट होने के बाद भारी बारिश जब होती हैं, तो इससे भी ज्वॉइंट्स पेन की समस्या होती है। जोड़ों के (joint pain) दर्द को कम करने के लिए बॉडी को गर्म रखना जरूरी है। हवा का स्पर्श सीधे बॉडी से न हो पाए। यदि हवा सीधे शरीर से टकराएगी तो जोड़ों में दर्द बढ़ेगा। गर्म शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है, जिससे दर्द कम होता है, और दर्द की समस्या को कम करता है।

प्रोटीन को बनाएं अपना साथी 👍🏻👍🏻

इस समस्या से बचने के लिए और राहत पाने के लिए कैल्शियम युक्त और प्रोटीन युक्त आहार को भी अपनी डाइट में शामिल करें। कई बार विटामिन डी और बी 12 की वजह से भी आपको समस्या हो सकती है। इसके लिए आप विटामिन डी और बी 12 आहार को डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे आपका दर्द कम हो सकता है। ध्यान रहे कि यह सभी उपाय आपको डॉक्टर की निगरानी में ही करने होंगे। अगर आपको यह समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए विटामिन-ई का सेवन करें, इसके जरिये आप मुक्त कणों से छुटकारा पा सकते हैं। विटामिन-ई के लिए आप एवोकाडो, जामुन, हरी सब्जियां, बीज, फिश का सेवन कर सकते हैं।

संतुलित और पौष्टिक भोजन करें ☺️☺️

एक्सपर्ट बताते हैं, यदि जोड़ों में दर्द रहता है, तो पोष्टिक और संतुलित आहार लेकर हेल्दी, पेन रिलीफ की समस्या में काफी मदद मिल सकती है। ज्वॉइंट्स पेन की समस्या से राहत पाने के साथ सूजन में कमी करने के लिए डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी आइटम शामिल कर सकते हैं। इसमें (joint pain) विटामिन-ई वाले आहार का सेवन अधिक कर सकते हैं। जैसे एवोकाडो, मेवे, सी डाइट, नट्स, फ्रूट, जामुन व साबूत अनाज का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा अंडा, जड़ी बूटियां, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द के दौरान मीठा, बेकरी उत्पाद, पैकेज्ड फूड, तला हुआ और किसी तरह का जंक फूड न खाएं। इससे आपका दर्द बढ़ सकता है। सूजन को कम करने के लिए आप अपनी डाइट से सोडियम की मात्रा को कम करें।

रोजाना व्यायाम करें 🏃🏻🏃🏻

बारिश के दिनों में शारीरिक गतिविधि पर असर पड़ता है, नियमित तौर पर वॉकिंग, वर्कआउट नहीं संभव हो पाता। जिससे ज्वॉइंट्स पैन (रवपदज चंपद) की परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में आपको ध्यान रहे बरसात के दिनों में व्यायाम करना बेहद जरूरी रहता है। जिसमें जोड़ों के दर्द के लिए आप स्ट्रेचिंग, फ्लैक्सबिलिटी, एरोबिक्स, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, साइकिलिंग, योग और मॉर्निंग वॉक पर भी जा सकते है। व्यायाम ब्लड सर्कुलेशन, ज्वाइंट्स लुब्रीकेशन, मसल्स और टिशू को बढ़ाते हैं। व्यायाम को नियमित तौर हर रोज करना चाहिए। इससे शारीरिक समस्याएं और बीमारियां दूर रहती है। एक्सपर्ट ये भी कहते हैं, कि मौसम हर किसी को अलग तरह से प्रभावित करता है। हम आमतौर पर महसूस करते हैं, कि मौसम दर मौसम शारीरिक समस्या बदलती रहती है, अगर जोड़ों के दर्द (joint pain) की समस्या बनी हुई है, तो डॉक्टर की मदद लेना आपके लिए आवश्यक है।

ईलाज और उपाय ✅✅

डॉक्टर के अनुसार उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की आयु भी बढ़ती है। यानी उनकी क्षमता में कमी आ जाती है, काफी बारिश और ठंडक के कारण लोगों का चलना फिरना कम होता है। यह भी जोड़ों के दर्द का बड़ा कारण बनता है। इसलिए हड्डियों की मजबूती चाहिए, लम्बे समय तक उनकी दुरुस्ती चाहिए और जोड़ों के दर्द में कमी चाहिए तो, इसलिए बारिश में भी पैदल चलने, स्ट्रेचिंग, ब्रिस्क वॉक या योगा जरूर करें। कम से कम आधा घण्टे सुबह और आधा घन्टा रात के भोजन के बाद वॉक करें। भोजन में गरिष्ठ चीजें और अधिक मीठा लेने से बचें। कोशिश करें कि रात का भोजन जल्दी करें और भोजन करने के बाद जरूर टहलें। भरपूर नींद लें और सुबह उठने के बाद कम से कम आधा घन्टा धूप में गुजारें।

CISSUS कैप्सूल से हडियों को मजबूती 💊💊

कैल्शियम हमारी हड्डियों और जोड़ों को मजबूत और हेल्दी रखने का काम करता है। इसके अलावा ये दांतों के साथ ब्लड सेल्स को भी मजबूत बनाने में मदद करता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाती है तो उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती है। जरा सी ठोकर लगने में भी आपको फैक्चर होने की संभावना अधिक हो जाती है। कैल्शियम को बढ़ाने के लिए राजस्थान औषधालय की एम.डी.आयुर्वेदा एक्सपर्ट डॉ. भक्ती के अनुसार मानसून में अधिक जोड़ो के दर्द और हडि़यों में जकड़न के दौरान आरएपीएल गु्रप की सीसस (CISSUS) मेडिसिन का भी उपयोग किया जा सकता हैं, जो कि कैल्शियम सप्लीमेंट और हड़ी को मजबूत रखने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है।

आयुर्वेदा एक्सपर्ट का कहना दर्द को इस तरह करें दूर 👩🏻‍⚕👩🏻‍⚕

पुणे में पिछले 12 वर्षो से प्रैक्टिस कर रही बीएचएमएस, सीजीओ, सीसीएनडी डॉ. स्वालेहा शैख बताती हैं, कि बारिश के मौसम में जोड़ो के दर्द, जकड़न, सूजन, न्यूरो मसक्यूलर पेन सहित बॉड़ी के अनेक हिस्सों में दर्द होना शुरू हो जाता हैं, आमतौर पर इस तरह की तकलीफ 40 वर्ष से अधिक लोगों में देखी गई है। इसके साथ ही कई ऐसे लोगों में भी देखा गया हैं, जिनका किसी कारणवश कहीं दुर्धटना या अन्य परिस्थितियों में पैर, हाथ या हड्डी टूट जाती हैं, उनको बारिश के मौसम में जकड़न और दर्द होना शुरू हो जाता हैं, इस तरह के अनेकों मरीज सामने आते है। डॉ. शैख ने बताया कि आयुर्वेद की अगर बात करें तो इसमें अमलकी, अश्वगंधा, निर्गुण्ड़ी, गोक्षुर, हल्दी, शंख भस्म के लगातार उपयोग से राहत पाई जा सकती है।

दर्द में राहत दे RAJORTHO TABLET

Rajortho Tablet – Karo Dard Ki Chutti !!

डॉ. स्वालेहा शैख ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहां कि आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जो दर्द से राहत देने में कारगर हैं, जिसमें अमलकी, अश्वगंधा, निरगुंडी, गौकक्षुर, हल्दी, शंख भस्म जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी राजऑर्थो टैबलेट का ईस्तेमाल कर सकते हों, जो कि जोड़ो के दर्द, संधीवात, न्यूरो मस्क्यूलर, कमर दर्द, ऑस्तियोअर्थ्राइटीस सहित अनेक तरह के वात रोगों के लिए बेहद उपयोगी हैं, ये टैबलेट काफी मरीजों को इस तरह की तकलीफ होने पर दी गई, जिसके ईस्तेमाल से बेहतर रिजल्ट सामने आएं है। वहीं उन्होंने बताया कि जिस तरह से राजस्थान औषधालय (Rajasthan Aushdhalaya) भारत भर के आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को साथ जोड़कर कार्य कर रहा हैं, उससे आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की ओपीडी में फायदा देखने को मिल रहा है। देश में top ayurvedic and herbal products manufacturers in India में शामिल है।

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👉🏻Natural Tips for Healthy Bones and Joints

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नोट – इस लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं किया गया है, और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

Author

  • Mr. Sajid Bhati currently works at Rajasthan Aushadhalaya Pvt. Ltd. as a Public Relations Officer and Health Journalist. During his ten-year career, he has contributed to the company's mission of Addiction Free India and Disease Free India through writing and promotion. Spreading the great work of Rajasthan Aushadhalaya throughout India through passionate media coverage of all free medical health check-up camps held in villages, districts, and cities. He has a postgraduate degree in arts and journalism, as well as extensive understanding of digital marketing. His areas of expertise in writing include Ayurveda, Health, and related subjects. He promotes awareness of ayurvedic treatments and medicines by sharing his deep understanding and knowledge of Ayurveda through seminars, workshops, and other activities.

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Sajid Bhati (P.R.O)

As a dedicated Public Relation Officer of Rajasthan Aushdhalaya, With a deep understanding of the ancient texts and principles that guide this practice, I have helped countless patients achieve optimal health and wellness. My expertise in herbal remedies, massage techniques, and dietary recommendations has been honed over years of study and practical experience, and I am committed to sharing this knowledge with others. In addition to my work as a pro, I am also passionate about community outreach and education. Through seminars, workshops, and other events, I strive to promote awareness of the benefits of Ayurvedic medicine and help people incorporate these practices into their daily lives. I am proud to be part of the Rajasthan Aushdhalaya team, and look forward to continuing to serve our patients and community with excellence and compassion.

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